2047 तक भारतीय रियल एस्टेट बाजार होगा 10 लाख करोड़ डॉलर का – रिपोर्ट
- Nitesh Agarwal
- Feb 11
- 3 min read
भारत का रियल एस्टेट बाजार लगातार तेजी से बढ़ रहा है और आगामी वर्षों में यह एक महत्वपूर्ण ऊंचाई पर पहुंच सकता है। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख संस्थाएं, क्रेडाई और रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार 2047 तक 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग लगातार बनी हुई है, और शहरीकरण की गति इस वृद्धि को और तेज कर सकती है।

रियल एस्टेट में मंदी नहीं, अपार संभावनाएं
भारतीय रियल एस्टेट बाजार मंदी के किसी भी संकेत से दूर है। उपभोक्ताओं की मांग स्थिर और मजबूत बनी हुई है। महामारी के बाद आवासीय परियोजनाओं में तेजी आई है, जिससे यह क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में नई आवासीय परियोजनाओं को लॉन्च करना बेहद जरूरी होगा ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
तेजी से बिक रहे मकान, कीमतें आकर्षक बनीं
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर तिमाही में नई परियोजनाओं की पेशकश कम रही, लेकिन आकर्षक कीमतों पर पेश किए जा रहे मकान तेजी से बिक रहे हैं। प्रॉपइक्विटी के नए आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान भारत के नौ प्रमुख शहरों में आवास बिक्री 18% घटकर 1,04,393 इकाई रह गई। हालांकि, स्थिर बाजार मूल्य और उपभोक्ता हित को देखते हुए यह अस्थायी गिरावट मानी जा रही है।
2047 तक 50% आबादी रहेगी शहरी क्षेत्रों में
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रियल एस्टेट बाजार की वृद्धि अब बड़े शहरों से निकलकर छोटे शहरों तक पहुंच रही है। 2047 तक भारत की 50% आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी, जिससे आवासीय, कार्यालय, डाटा सेंटर और खुदरा संपत्तियों में भारी वृद्धि होगी।
रियल एस्टेट में वृद्धि के छह प्रमुख कारक
रिपोर्ट के अनुसार, 2047 तक भारतीय जीडीपी में रियल एस्टेट की हिस्सेदारी 14-20% तक पहुंच सकती है। इस जबरदस्त वृद्धि को छह प्रमुख कारक प्रभावित करेंगे:
तीव्र शहरीकरण – तेजी से बढ़ते शहर और नई टाउनशिप।
बुनियादी ढांचे का विकास – स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, मेट्रो, एक्सप्रेसवे।
डिजिटलीकरण – रियल एस्टेट में टेक्नोलॉजी का बड़ा योगदान।
जनसांख्यिकीय बदलाव – मध्यम वर्ग की बढ़ती क्रय शक्ति।
स्थिरता – हरित इमारतों और पर्यावरणीय नियमों पर जोर।
निवेश विविधीकरण – घरेलू और विदेशी निवेश में बढ़ोतरी।
किफायती आवास की परिभाषा में बदलाव आवश्यक
क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में जीएसटी इनपुट क्रेडिट की जरूरत है, जिससे डेवलपर्स को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि आवासीय संपत्तियों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, इसलिए किफायती आवास की परिभाषा को बदले जाने की जरूरत है। अभी 2017 में 45 लाख रुपये की सीमा तय की गई थी, जिसे अब बढ़ाने की मांग की जा रही है।
रेरा से बढ़ा निवेशकों का भरोसा
रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) जैसी पहलों के कारण भारतीय रियल एस्टेट बाजार में पारदर्शिता बढ़ी है। निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है, जिससे इस क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की क्षमता विकसित हो रही है।
रियल एस्टेट निवेश कैसे करें? Zonamap रिपोर्ट टूल का उपयोग करें
अगर आप रियल एस्टेट में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो Report.Zonamap.in टूल का उपयोग करें। यह टूल संपत्ति मूल्यांकन, कानूनी स्थिति और बाजार प्रवृत्तियों की पूरी जानकारी प्रदान करता है।
Zonamap रिपोर्ट टूल के लाभ:
संपत्ति स्वामित्व और दस्तावेजों की जांच।
भविष्य के बाजार मूल्यों का विश्लेषण।
रियल एस्टेट निवेश के लिए सूचित निर्णय लेने में सहायता।
निष्कर्ष: रियल एस्टेट का स्वर्णिम भविष्य
2047 तक, भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। शहरीकरण, डिजिटलीकरण, और निवेश प्रवृत्तियों के चलते यह क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। अगर आप रियल एस्टेट में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है। भविष्य की योजनाओं को सुरक्षित करने के लिए Zonamap रिपोर्ट टूल का उपयोग करें और सूचित निवेश करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. भारतीय रियल एस्टेट बाजार 2047 तक कितना बढ़ सकता है? रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।
2. भारतीय रियल एस्टेट में निवेश के प्रमुख कारक क्या हैं? तीव्र शहरीकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटलीकरण, जनसांख्यिकीय बदलाव, स्थिरता, और निवेश विविधीकरण।
3. क्या रियल एस्टेट बाजार में मंदी का कोई संकेत है? नहीं, रिपोर्ट के अनुसार आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग लगातार बनी हुई है।
4. Zonamap रिपोर्ट टूल कैसे मदद कर सकता है? यह टूल संपत्ति मूल्यांकन, स्वामित्व की पुष्टि और कानूनी स्थिति की जांच करने में सहायता करता है।
5. किफायती आवास की परिभाषा में बदलाव क्यों आवश्यक है? 2017 में 45 लाख रुपये की सीमा तय की गई थी, जिसे अब बदलने की जरूरत है क्योंकि संपत्तियों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं।
रियल एस्टेट से जुड़ी ताज़ा खबरों, निवेश गाइड, और Zonamap रिपोर्ट टूल की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें!



Comments